ट्रस्ट के चेयरमैन - श्री राजेश जैन जी की संक्षिप्त जीवनी

13 फरवरी सन् 1921 को गांधी जी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में एक जनसभा को संबोधित किया, तत्पश्चात् लाला शाम लाल जैन गांधी जी को बैलगाडी में बैठाकर रोहतक ले आए। 16 फरवरी 1921 को गाँधी जी के कर कमलों से वैश्य शिक्षण संस्थान के विद्यालय की नींव रखी गई। 12 मार्च 1930 को गाँधी जी ने दाण्डी के लिए अपना मार्च शुरू किया। गांधी जी ने लाला शाम लाल जैन को सत्याग्रह सफल बनाने के लिए रोहतक की अगुवाई की जिम्मेवारी सौंप दी। 8 जनवरी 1940 को हृदयगति रूक जाने से असमय शाम लाल जैन जी का निधन हो गया। वे एक सच्चे देश भक्त एवं स्वतंत्रता सेनानी और महान वकील थे। उनकी 3 बेटियाँ और एक बेटा श्री सुमत प्रसाद जैन थे बेटी लिच्छी देवी का विवाह श्री लक्ष्मी चन्द जैन जी से हुआ। इनके नाम पर एल. पी. एस. (लक्ष्मी प्रेसिजन स्क्रूज़) की स्थापना हुई। उनके बेटे श्री विमल प्रसाद जी जैन के तीन बेटे श्री ललित कुमार जैन, श्री विजय कुमार जैन और श्री राजेश कुमार जैन हैं।
श्री राजेश जैन जी के पिता स्व. सेठ श्री बिमल प्रसाद जी जैन ने रोहतक में रेलवे रोड़ स्थित नवभारत साइकिल स्टोर से अपना सफल कैरियर शुरू किया। सन् 1958 में जन्में श्री राजेश जैन मानो खुशियाँ की सौगात लेकर आए, उसी वर्ष उनके पिता श्री बिमल प्रसाद जैन ने रेलवे रोड पर ही एक मशीन लगाई। उसके पश्चात् सन् अपना प्लांट लगाया। श्री राजेश जैन आज जहाँ भी मिले समर्थन और प्रोत्साहन से काफी अभिभूत हैं सके हैं और उन्हें लगता है कि यही समर्थन और 1966 में हिसार रोड पर नवभारत इंडस्ट्रीज के नाम से खड़े हैं, वे अपने माता-पिता और अपने बड़े भाई द्वारा क्योंकि इन्हीं की वजह से वे अपनी मंजिल को पा प्रोत्साहन उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा है।

श्री राजेश जैन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पिलानी स्थित बिरला पब्लिक स्कूल से प्राप्त की और टॉपर रहे। इसके पश्चात् कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री में भी टॉपर रहें, स्कॉलरशिप प्राप्त की।
श्री राजेश जैन जी का विवाह एक सुप्रसिद्ध, संपन्न एवं धर्म परायण परिवार की  सुयोग्य कन्या संध्या जैन जी से हुआ। उनके सुपुत्र श्री राहुल जैन जी, जिनका विवाह सुकोमल स्वभाव एवं मृदु भाषिणी सुश्री समृद्धि जैन से हुआ। अपने पिता की तरह कर्मठ, लग्नशील, मेहनती राहुल जैन भी अपने पिता के पद चिन्हों पर चलते हुए पिता के व्यापार में  कार्यरत हैं। प्रसिद्ध उद्योगपति श्री राजेश जैन जी की एक सुपुत्री श्रीमती चांदनी गोयल भी हैं, जिनका विवाह दिल्ली के प्रसिद्ध व्यवसायी श्री गगन गोयल जी से हुआ।
श्री राजेश जैन जी ने 22 वर्ष की आयु में अपने पिता के व्यवसाय को ज्वाइन किया कड़ी मेहनत के साथ साथ हर रोज 18 घण्टें फैक्ट्री में  बिताते थे। इन्होने व्यवसाय ज्वाइन करने के 6 वर्ष के भीतर ही विश्व के कई देशों में निर्यात आरम्भ कर दिया 1998 में इनके व्यवसाय ने बड़ा मोड़ लिया और इन्होने एल. पी. एस. बोसाई की शुरुआत की, जो बेहतर उत्पादन गुणवता के चलते अन्तराष्ट्रीय स्तर पर एक विश्वसनीय ब्रांड बन गया, इसके उत्पाद आज देश-विदेश के अग्रणीय संस्थानों एवं उद्योगों जैसे मैट्रो रेल, उपग्रहों, रक्षा उपकरणों, मिसाइल, मैडिकल उपकरणों, पावर प्लांटो आदि में उपयोग हो रहे हैं। मेहनत को अपना मूलमंत्र मानने वाले श्री राजेश जैन के प्रोडक्ट्स आज विश्व के कई देशों में जाते हैं।