शुभकामना संदेश
बाल किशन अग्रवाल राष्ट्रीय चैयरमैन भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल
जिस प्रकार लोहे से, लकड़ी से, पत्थर से, अनेक चीजे बनती है, परन्तु सभी का आकार स्वरूप व प्रयोग तो एक जैसा नहीं होता अलग अलग ही होता है। ठीक इसी प्रकार सभी जीवों में आत्मा तो एक ही है। परन्तु मनुष्य और पशु-पक्षी, कीट पतंगे की आंतरिक बनावट में बहुत बड़ा अन्तर है जिस कारण केवल मनुष्य ही किसी की भी सेवा – सहयोग करने में सक्षम है परन्तु अन्य जीव नहीं । सम्मवतः इसी बात से प्रेरणा लेकर हमारे दोनो ट्रस्टो से जुडे – व्यक्ति अपनी सेवा भाव का परिचय पिछले अनेक वर्षों से देने में सफल हो रहे हैं।
स्मारिका किसी भी संस्था का दर्पण होती है। ” श्री अग्रसेन स्मारिका” में छपे सभी लेखों को मैने ध्यान पूर्वक पढ़ा है सभी लेख समाज के लिए उपयोगी एवं शिक्षाप्रद है। विशेषकर अग्रवाल समाज की अपनी प्राचीन सभ्यता एंव निकासी का भान करवाने के साथ साथ उनकी सन्तानो के लिए मनचाहे रिस्ते सुझाने का जो कार्य इस पत्रिका के माध्यम से ट्रस्ट के समाज सेवियों द्वारा किया जा रहा हैं, वह सही मायनों में निष्काम सेवा है। मैं इस कार्य में जुटे सभी भाईयो का दिल से आभार व्यक्त करता हूँ तथा प्रभु से प्रार्थना करता हूँ कि ईश्वर उन्हें स्वस्थ रखें एवं दीर्घायु बनाये ताकि समाज की निरन्तर सेवा होती रहें ।
इस पुनीत अवसर पर मैं अग्रवाल समाज के सभी भाईयों और बहनो से आग्रह करना चाहूंगा कि हमे भगवान अगसेन जी के सिद्धान्तों का अनुपालन करते हुए एवं मौजूदा हालात की परिस्थितियों को देखते हुए अपने बेटे-बेटियां को विवाह सूर्य चन्द्रमा को साक्षी मानकर दिन में करना चाहिए, रात्रि में होने वाली शादियों बंद करनी चाहिए। इसके परिणामस्वरूप विवाह में होने वाली फिजुल खर्ची में कटौती होगी साथ ही अन्य प्रकार की कुरूतियों को रोकने में भी सहयोग मिलेगा।
मैं आशा करता हूँ स्मारिका अपने व उनकी टीम के नाम को सार्थक सिद्ध करेगी एवं समाज के लिए अवश्य ही उपयोगी एवं लाभदायक होगी । मै सम्पादक श्री देस राज बंसल जी एवम् उनकी टीम के अथक प्रयास के लिए भी बधाई देता हूँ साथ ही ” श्री अग्रसेन स्मारिका 2023-24 ” के सफल प्रकाशन की मंगल कामना करता हूँ ।